कोरोना वायरस के ये 4 लक्षण दिखते हैं बच्चों में!
सेहतराग टीम
कोरोना के आने के बाद आज भी कोरोना संक्रमण के लक्षणों के में जान रहे हैं यानी आज भी कोरोना वायरस संक्रमण के नए-नए सामने आ रहे हैं। वहीं कोरोना संक्रमण के लक्षण वयस्कों की अपेक्षा बच्चों में कुछ अलग और देर में दिखते हैं। वयस्कों की तुलना बच्चों के लिए वैक्सीन इतनी जल्दी उपलब्ध नहीं होगी। फिलहाल स्कूल खोलने की तैयारी भी की जा रही है। ऐसे जरूरी है कि हम पहले ही बच्चों में कोरोना वायरस के शुरुआती लक्षणों के बारे में जान लें।
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कोरोना वायरस के ये 4 लक्षण दिखते हैं बच्चों में:
बुख़ार
हल्का और लगातार बुख़ार आना बच्चों में संक्रमण का आम लक्षण है। यहां तक कि कोरोना वायरस में बड़ों में भी सबसे पहला लक्षण बुख़ार ही होता है। जो हल्के से तेज़ हो सकता है।
सिर दर्द
सिर दर्द कोरोना का शुरुआती लक्षण नहीं है, लेकिन 14 प्रतिशत वयस्कों में ये लक्षण देखा गया है। हालांकि, बच्चों में ये लक्षण आम है और कोरोना का शुरुआती लक्षण हो सकता है।
थकावट
थकावट और ऊर्जा की कमी ऐसे अन्य संकेत हैं, जो कोरोना की वजह से बच्चों में दिखते हैं। शोध के मुताबिक, 55 प्रतिशत बच्चों में जिन्हें कोरोना वायरस हुआ, उनमें लगातार थकावट और ऊर्जा की कमी देखी गई।
क्या बच्चों में भी सुंघने की शक्ति चली जाती है?
सुंघने की शक्ति या स्वाद न आना, कोरोना वायरस के बेहद अजीब लक्षण है, जो बच्चों में भी देखा जा सकता है। शोध में देखा गया कि बहुत कम बच्चों में सूंघने और स्वाद की हानि देखी गई, जो वयस्कों जितनी गंभीर नहीं थी। इसके अलावा बच्चों में गले में ख़राश और नाक बहना जैसे लक्षण भी थे।
इसके अलावा दस्त, बदन दर्द, भूख न लगना जैसे लक्षण भी बच्चों में काफी आम हैं।
अन्य लक्षण
शोधकर्ताओं के अनुसार, इन लक्षणों के अलावा त्वचा पर चकत्ते और सूजन भी संक्रमण के लक्षण हो सकते हैं। जिसे 'कोविड-टोज़' के नाम से जाना जाता है। अगर बच्चे की त्वचा में अचानक लाल चकत्ते और सूजन आ जाती है, तो ये कोरोना का लक्षण भी हो सकता है।
बच्चे में कोरोना वायरस के लक्षण दिखने पर क्या करें?
वयस्कों की तरह अगर बच्चों में कोरोना के लक्षण दिखते ही इलाज करा लिया जाए, तो गंभीर बीमारी से बचा जा सकता है। हालांकि, बच्चों में कोरोना संक्रमण का हल्का रूप देखा जा रहा है, लेकिन फिर समय से इलाज कराने में ही समझदारी होगी। बच्चे में जैसे ही कोरोना के लक्षण दिखें, उसे फौरन आइसोलेशन में रखें और डॉक्टर से संपर्क करें।
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